बडबोले अमर को आइना
आज अदालत में इस बात की सुनवाई होनी है की पूर्व सपा नेता अमर सिंह को जमानत दी जाए की नहीं ? " वोट के लिए नोट " मामले में गिरफ्तार अमर सिंह को आज क्या मिलता है यह तो अदालत के आदेश के बाद ही पता चलेगा मगर हिन्दुस्तान के ज्यादातर लोग चाहते हैं की विवादास्पद छवि के अमर सिंह को शेष जीवन जेल में ही गुजारना चाहिए । अमर सिंह भले ही समाजवादी पार्टी में उच्च पद पर रहे, उन्हें राज्य सभा सदस्य तक बनाया गया,( आज भी हैं ) मगर उनकी छवि देश में बडबोले , ब्लेकमेलर और दलाल की बनी हुई है। जब अमर सिंह अपने विरोधियों के विरुद्ध भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो सारी नैतिकता और मर्यादाएं लांघ जाते हैं। सड़क छाप शेर सुनाने और अभद्र भाषा के लिए मशहूर अमर सिंह अक्सर मुलायम सिंह यादव को उनकी पोल खोलने की धमकी देते रहते हैं। इस बार सपा सांसद जयाप्रदा ने भी कुछ इसी तरह की धमकी दी है। उन्होंने तो बिग बी अमिताभ बच्चन तक को हडका दिया । यहाँ तक कह दिया की अगर अम्र सिंह इनके बारे में जुबान खोलेंगे तो तहलका मच जाएगा। आऔर इसके बाद जब एक कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन से इस सम्बन्ध में किसी पत्रकार ने सवाल पुछा तो अमिताभ बच्चन भी चुप लगा गए। आखिर अमर सिंह अमिताभ बच्चन और मुलायम सिंह यादव के ऐसे कौन से राज जानते हैं , जिसके कारण उन्हें दर् लगा रहता है। यह जानने की उत्सुकता सभी को है।सब जानना चाहते हैं उस रहस्य को जिसके कारण अम्र सिंह का हौंसले इतने ज्यादा बुलंद हैं. लुच लोग मानते हैं की जीवन भर चुगली, चमचागीरी , दलाली करते रहने के आदी ( जैसा की आजम खान ने उनके बारे में बतया है , हो सकता है वह सही नहीं भी हो )अमर सिंह अब राजनीति में पूरी तरह से हाशिए पर हैं। किसी तरह चर्चा में बने रहने के के लिए भी वे बे सर पैर के बयान दे सकते हैं, उनके पूर्व के बयानों से ऐसे संकेत भी मिलटे हैं। हो सकता है की मुलायम सिंह यादव और अमिताभ बच्चन के कुछ खास राज अमर सिंह के सीने में दफ़न भी हों। खैर , मामला चाहे जो हो मगर यह सत्य है की आज जब अमर सिंह को उनके कुकर्मों की सजा मिल रही है, उन्हें जेल की हवा और एम्स की दवा कहानी पद रही है तो ऐसे समय उनके साथ कोई नहीं है। लेदेकर बेचारी एक जयाप्रदा हैं, वे
ही उनकी सेवा और बचाव कार्य में लगी हैं, एक कहावत है की अकेला चना क्या भाद फोड़ेगा ? ऐसा ही होता है जब इंसान अपना चरित्र भूल जाता है, अपनी नैतिकता छोड़ देता है और शोर्ट कट अपनाकर सेवा के बजाय सिर्फ " मेवा ' के बल पर राजनीति ऊंचाइयां चढना चाहता है। यूँ कहने को अमर सिंह ने अपना जन मोर्चा बनाकर कुछ सभा-सम्मलेन किये हैं मगर उनकी सोच वही पुराणी वाली ही है। राजनीति में अब उनकी हैसियत बस इतनी ही बची है की कांग्रेस की चमचागीरी करते रहें, उसे फायदा पहुंचाने के षड्यंत्र रचते रहें और उसके बदले अपने अस्तित्व को बचाए रखें। बाकी अरह -सहा आइना तो उन्हें अदालत दिखा ही चुकी है।
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