उत्तर प्रदेश में आख़िरी चरण के चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं. जनता अपना फैसला कर चुकी है. सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ई वी एम् मशीनों में बंद हो चुका है. अब देखना ये है कि उत्तर प्रदेश में किस पार्टी की सबसे ज्यादा सीटें आती हैं और किस पार्टी की सरकार बनती है. अब तक तो टी.वी -अखबारों में यही देखते-सुनते आये हैं कि इस बार कांग्रेस उतर प्रदेश में कुछ बड़ा धमाका करने जा रही हैं, कुछ चैनल तो यहाँ तक दावे करते देखे गए की इस बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ही सरकार बनाने जा रही है. मीडिया का एक वर्ग सपा की तो दूसरा वर्ग भाजपा की सरकार बन्ने का दावा कर रहा है. सब सब लोग यूँ तो चुनाव के समय किये गए इस तरह के दावों की हकीकत जानते हैं मगर कुछ सीधे -सादे आम लोग इन पर भरोसा भी कर लेते हैं. 'पैड न्यूज' के चलन ने लोक तंत्र की अहमियत की जो धज्जियाँ उडाई हैं , वो किसी ने नहीं उडाई . उत्तर प्रदेश में कांग्रेस , भाजपा और सपा ने जिस तरह प्रचार में पैसा उड़ाया है , उससे लगता है मानो हम किसी बेहद अमीर देश में रह रहे हैं. मतदाताओं को लुभाने के लिए इस तरह की ख़बरें प्रकाशित या प्रसारित की गयीं जिनका सच्चाई से कुछ लेना-देना नहीं है. हकीकत तप ये है की उत्तर प्रदेश का युवा पूरी तरह से बसपा के साथ है और उसने आक्रामकता के साथ हाथी के पक्ष में वोटिंग की है. इसलिए यह दावे के साथ कहा जा सकता है की उत्तर प्रदेश में चाहे जो हो जाए मगर बहुजन समाज पार्टी ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और कांग्रेस सबसे अंतिम यानी की चौथे नंबर की पार्टी थी है और रहेगी . कांग्रेस ने देश को बर्बादी के कगार पर लाकर खडा कर दिया है. देश के ९० परसेंट लोग पेट की भूख शांत करने की लड़ाई लड़ रहे हैं. कांग्रेस की गरीब विरोधी नीतियों ने मंहगाई को सातवे आसमान पर पहुँचा दिया है, जिससे गरीब लोग और भी गरीब होते जा रहे हैं. कांग्रेस ने ही देश में उंच-नीच को बढ़ावा दिया , यही पार्टी है जिसने साम्प्रदायिक माहौल तैयार करके इंसान को इंसान से जुदा किया . इसी पार्टी के हजारों नेता देश का पैसा हड़प करके जेल की सजा भोग रहे हैं और हजारों भ्रष्ट नेता सत्ता की ताकत के बल पर अभी बचे हुए हैं. ऐसी पार्टी का उत्तर प्रदेश में सरकार बनाना सिर्फ खाबों में ही हो सकता है या फिर 'पैड न्यूज' का करिश्मा यह सब करवा सकता है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का जिला स्तर पर भी संगठन नहीं है. तहसील , ब्लोक और गाँव की तो बात ही छोड़ दीजिये . इसके विपरीत बहुजन समाज पार्टी का संगठन मोहल्ले और गली लेबल पर भी बना हुआ है. ऐसी कोई गली या मोहल्ला नहीं है जहां पर हाथी के साथी मौजूद न हों. इससे भी बड़ी बात ये की बसपा के जो पक्के वोटर हैं वो बिकने वाले नहीं हैं, झुकने वाले नहीं हैं. बसपा का वोट बैंक ज़रा भी हिलने -डुलने वाला नहीं है. जब-जब विरोधियों ने मायावती , कांशीराम या डॉक्टर आंबेडकर की मूर्तियों का विरोध किया है तब-तब मायावती और भी ज्यादा मजबूत बनकर उभरी हैं. बहुजन समाज पार्टी को जब -जब सजीश के तहत तोड़ा गया , तब-तब बहुजन समाज पार्टी और भी मजबूत बनकर उभरी है. इस बार भी विरोधियों ने मायावती पर जमकर हमले बोले हैं , जान लीजिये मायावती उतनी ही ज्यादा मजबूत बनकर उभरेंगी . झूठे सर्वे या झूठी अफवाहें सिर्फ मन बहलाने के लिए कारगर हो सकती हैं , वोट डालने में ये कुछ सहायता नहीं कर पाएंगी . सपा की सरकार बनाने की बातें महज काल्पनिक हैं, क्योंकि सपा और कांग्रेस का वोट बैंक एक हे है . अगर कांग्रेस बढ़ेगी तो सपा घटेगी और सपा बढ़त लेगी तो कांग्रेस को कम होना है. मायावती ने उत्तर प्रदेश में जिस तारः की सोशल इंजीनियरिंग की है वह उन्हें फिर से किंग बन्ने की तारफ लेजा रही है. ज्यादा समय भी नहीं है. ६ तारीख नजदीक है.रिजल्ट सबके सामने आ जाएगा
विचार मंच
वैचारिक अभिव्यक्ति , सच्ची शक्ति
Saturday, March 3, 2012
उत्तर प्रदेश में आख़िरी चरण के चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं. जनता अपना फैसला कर चुकी है. सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ई वी एम् मशीनों में बंद हो चुका है. अब देखना ये है कि उत्तर प्रदेश में किस पार्टी की सबसे ज्यादा सीटें आती हैं और किस पार्टी की सरकार बनती है. अब तक तो टी.वी -अखबारों में यही देखते-सुनते आये हैं कि इस बार कांग्रेस उतर प्रदेश में कुछ बड़ा धमाका करने जा रही हैं, कुछ चैनल तो यहाँ तक दावे करते देखे गए की इस बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ही सरकार बनाने जा रही है. मीडिया का एक वर्ग सपा की तो दूसरा वर्ग भाजपा की सरकार बन्ने का दावा कर रहा है. सब सब लोग यूँ तो चुनाव के समय किये गए इस तरह के दावों की हकीकत जानते हैं मगर कुछ सीधे -सादे आम लोग इन पर भरोसा भी कर लेते हैं. 'पैड न्यूज' के चलन ने लोक तंत्र की अहमियत की जो धज्जियाँ उडाई हैं , वो किसी ने नहीं उडाई . उत्तर प्रदेश में कांग्रेस , भाजपा और सपा ने जिस तरह प्रचार में पैसा उड़ाया है , उससे लगता है मानो हम किसी बेहद अमीर देश में रह रहे हैं. मतदाताओं को लुभाने के लिए इस तरह की ख़बरें प्रकाशित या प्रसारित की गयीं जिनका सच्चाई से कुछ लेना-देना नहीं है. हकीकत तप ये है की उत्तर प्रदेश का युवा पूरी तरह से बसपा के साथ है और उसने आक्रामकता के साथ हाथी के पक्ष में वोटिंग की है. इसलिए यह दावे के साथ कहा जा सकता है की उत्तर प्रदेश में चाहे जो हो जाए मगर बहुजन समाज पार्टी ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और कांग्रेस सबसे अंतिम यानी की चौथे नंबर की पार्टी थी है और रहेगी . कांग्रेस ने देश को बर्बादी के कगार पर लाकर खडा कर दिया है. देश के ९० परसेंट लोग पेट की भूख शांत करने की लड़ाई लड़ रहे हैं. कांग्रेस की गरीब विरोधी नीतियों ने मंहगाई को सातवे आसमान पर पहुँचा दिया है, जिससे गरीब लोग और भी गरीब होते जा रहे हैं. कांग्रेस ने ही देश में उंच-नीच को बढ़ावा दिया , यही पार्टी है जिसने साम्प्रदायिक माहौल तैयार करके इंसान को इंसान से जुदा किया . इसी पार्टी के हजारों नेता देश का पैसा हड़प करके जेल की सजा भोग रहे हैं और हजारों भ्रष्ट नेता सत्ता की ताकत के बल पर अभी बचे हुए हैं. ऐसी पार्टी का उत्तर प्रदेश में सरकार बनाना सिर्फ खाबों में ही हो सकता है या फिर 'पैड न्यूज' का करिश्मा यह सब करवा सकता है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का जिला स्तर पर भी संगठन नहीं है. तहसील , ब्लोक और गाँव की तो बात ही छोड़ दीजिये . इसके विपरीत बहुजन समाज पार्टी का संगठन मोहल्ले और गली लेबल पर भी बना हुआ है. ऐसी कोई गली या मोहल्ला नहीं है जहां पर हाथी के साथी मौजूद न हों. इससे भी बड़ी बात ये की बसपा के जो पक्के वोटर हैं वो बिकने वाले नहीं हैं, झुकने वाले नहीं हैं. बसपा का वोट बैंक ज़रा भी हिलने -डुलने वाला नहीं है. जब-जब विरोधियों ने मायावती , कांशीराम या डॉक्टर आंबेडकर की मूर्तियों का विरोध किया है तब-तब मायावती और भी ज्यादा मजबूत बनकर उभरी हैं. बहुजन समाज पार्टी को जब -जब सजीश के तहत तोड़ा गया , तब-तब बहुजन समाज पार्टी और भी मजबूत बनकर उभरी है. इस बार भी विरोधियों ने मायावती पर जमकर हमले बोले हैं , जान लीजिये मायावती उतनी ही ज्यादा मजबूत बनकर उभरेंगी . झूठे सर्वे या झूठी अफवाहें सिर्फ मन बहलाने के लिए कारगर हो सकती हैं , वोट डालने में ये कुछ सहायता नहीं कर पाएंगी . सपा की सरकार बनाने की बातें महज काल्पनिक हैं, क्योंकि सपा और कांग्रेस का वोट बैंक एक हे है . अगर कांग्रेस बढ़ेगी तो सपा घटेगी और सपा बढ़त लेगी तो कांग्रेस को कम होना है. मायावती ने उत्तर प्रदेश में जिस तारः की सोशल इंजीनियरिंग की है वह उन्हें फिर से किंग बन्ने की तारफ लेजा रही है. ज्यादा समय भी नहीं है. ६ तारीख नजदीक है.रिजल्ट सबके सामने आ जाएगा
Thursday, October 13, 2011
Wednesday, September 28, 2011
भोले भारत देश का कर दिया बंटाधार , सर से लेकर पाँव तक भ्रष्ट केन्द्र सरकार
सुषमा स्वराज ने कहा कि यूपीए कार्यकाल के 2 साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए चेयर पर्सन सोनिया गांधी ने कहा था कि वो भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पीएम और सोनिया गांधी को घेरते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फिर पी. चिदंबरम को बचाने की प्रतिबद्धता क्यों दिखा रहे हैं। सुषमा ने कहा कि आरटीआई के माध्यम से जो चिट्ठी सामने आई है। उससे साफ होता है कि 2जी आवंटन में चिदंबरम की पूर्ण सहमति थी। जो काम राजा ने किया वही काम चिदंबरम ने भी किया है।
केंद्र सरकार को घेरते हुए सुषमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोगों पर आरोप लगे तो उसे बचाया जाए और सहयोगी दल के लोग हों तो उन्हें फंसा दिया जाए, ये नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का इशारा समझते हुए सीबीआई भी चिदंबरम का बचाव करने में जुटी है। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की दलीलें मेरी बातों को सिद्ध करती है।यह आरोप साफ़ करता है की पानी अब सर से ऊपर तक गुजर चूका है।यानी की सरकार अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। इतने गंभीर और सटीक आरोपों के बाद भी अगर चिदम्बरम और पी एम् अपने पद पर बने रहते हैं तो यह लोकतंत्र का अपमान ही होगा। यहाँ अलग बात है की जब तक साबित नहीं होता तब तक सभी पाक साफ़ ही होते हैं मगर जन भावनाओं को समझना भी बहुत जरूरी होता है और कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें सुनने मात्र से ही असली और नकली की पहचान हो जाती है। आखिर ये जनभावना ही किसी आम इंसान को विधायक, सांसद, मंत्री या अन्य बड़े पदों पर पहुंचाती हैं। मगर कांग्रेस के लोग इस वास्तविकता को समझ नहीं रहे हैं। इलाज के नाम पर सोनिया गांधी भी खामोश हैं। वे अपनी पार्टी के लोगों के साथ बैठक करती हैं, सब बातें करती हैं मगर देश की जनता का सामने अपना मत नहीं रखतीं, आज देश की जनता यह जानना चाहती है की भ्रष्टाचार के खिलाफ शांतिपूर्वक धरना दे रही राजबाला को पुलिस ने आखिर इतना क्यों पीता की उसकी मौत तक हो गयी। आखिर बाबा रामदेव का क्या कसूर था कई उनकी जान पर बन आयी ? भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जंग लड़ने वाले अन्ना हजारे को आखिर पहले क्यों गिरफ्तार किया गया और किसलिए इनकार के बाद उन्हें बाद में आन्दोलन करने की इजाजत दी गयी ? ये ऐसे सवाल हैं जिन पर देश सोनिया गांधी , राहुल गांधी जैसे नेताओं की राय जानना चाहता है। क्योंकि पूरा देश जानता है की असली रिमोट तो सोनिया गांधी के हाथ में हैं। बाकी सब तो उतने ही चलने वाले खिलौने हैं, जितनी की उनमे चाभी भरी जाती है। क्या ये जनभावना का अनादर नहीं की देश से जुड़े सीधे मुद्दों पर केंद्र पर शासन करने वाले यू पी ए की अध्यक्ष और भावी प्रधानमंत्री प्रचारित किये जाने वाले राहुल गांधी ने अपने होठों को जैसे सिल लिया है। आवाज खामोश हो चुकी है। जनता भी फिलहाल खामोश है। मगर इस खामोशी का आक्रोश आखिर कांग्रेस को ही सहना पड़ेगा। पब्लिक का मूड बदल रहा है जो सत्ता के नशेड़ियों को दिखाई नहीं दे रहा। दलालों की चाटुकारिता में वे सच्चाई से आँखें मूँद रहे हैं। मगर देखना , इस बार चुनाव में कितने ही कांग्रेस के कथित नेताओं की जमानत जब्त होने वाली हैं। आप तैयार हैं न ?
मेरी इन पंक्तियों पर भी गौर फरमाएं -
भोले भारत देश का , कर दिया बंटाधार ।
सर से लेकर पाँव तक, भ्रष्ट केन्द्र सरकार ।
भ्रष्ट केंद्र सरकार , सभी की आफत आयी ।
आसमान को छू रही , ज़ालिम मंहगाई ।
नेता हैं मदमस्त , निगोड़े मौज उड़ाते ।
सच्चे हैं सब त्रस्त, खून के अश्क बहाते ।
Wednesday, September 21, 2011
नक्कालों का बाजार
Wednesday, September 14, 2011
आज अदालत में इस बात की सुनवाई होनी है की पूर्व सपा नेता अमर सिंह को जमानत दी जाए की नहीं ? " वोट के लिए नोट " मामले में गिरफ्तार अमर सिंह को आज क्या मिलता है यह तो अदालत के आदेश के बाद ही पता चलेगा मगर हिन्दुस्तान के ज्यादातर लोग चाहते हैं की विवादास्पद छवि के अमर सिंह को शेष जीवन जेल में ही गुजारना चाहिए । अमर सिंह भले ही समाजवादी पार्टी में उच्च पद पर रहे, उन्हें राज्य सभा सदस्य तक बनाया गया,( आज भी हैं ) मगर उनकी छवि देश में बडबोले , ब्लेकमेलर और दलाल की बनी हुई है। जब अमर सिंह अपने विरोधियों के विरुद्ध भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो सारी नैतिकता और मर्यादाएं लांघ जाते हैं। सड़क छाप शेर सुनाने और अभद्र भाषा के लिए मशहूर अमर सिंह अक्सर मुलायम सिंह यादव को उनकी पोल खोलने की धमकी देते रहते हैं। इस बार सपा सांसद जयाप्रदा ने भी कुछ इसी तरह की धमकी दी है। उन्होंने तो बिग बी अमिताभ बच्चन तक को हडका दिया । यहाँ तक कह दिया की अगर अम्र सिंह इनके बारे में जुबान खोलेंगे तो तहलका मच जाएगा। आऔर इसके बाद जब एक कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन से इस सम्बन्ध में किसी पत्रकार ने सवाल पुछा तो अमिताभ बच्चन भी चुप लगा गए। आखिर अमर सिंह अमिताभ बच्चन और मुलायम सिंह यादव के ऐसे कौन से राज जानते हैं , जिसके कारण उन्हें दर् लगा रहता है। यह जानने की उत्सुकता सभी को है।सब जानना चाहते हैं उस रहस्य को जिसके कारण अम्र सिंह का हौंसले इतने ज्यादा बुलंद हैं. लुच लोग मानते हैं की जीवन भर चुगली, चमचागीरी , दलाली करते रहने के आदी ( जैसा की आजम खान ने उनके बारे में बतया है , हो सकता है वह सही नहीं भी हो )अमर सिंह अब राजनीति में पूरी तरह से हाशिए पर हैं। किसी तरह चर्चा में बने रहने के के लिए भी वे बे सर पैर के बयान दे सकते हैं, उनके पूर्व के बयानों से ऐसे संकेत भी मिलटे हैं। हो सकता है की मुलायम सिंह यादव और अमिताभ बच्चन के कुछ खास राज अमर सिंह के सीने में दफ़न भी हों। खैर , मामला चाहे जो हो मगर यह सत्य है की आज जब अमर सिंह को उनके कुकर्मों की सजा मिल रही है, उन्हें जेल की हवा और एम्स की दवा कहानी पद रही है तो ऐसे समय उनके साथ कोई नहीं है। लेदेकर बेचारी एक जयाप्रदा हैं, वे
ही उनकी सेवा और बचाव कार्य में लगी हैं, एक कहावत है की अकेला चना क्या भाद फोड़ेगा ? ऐसा ही होता है जब इंसान अपना चरित्र भूल जाता है, अपनी नैतिकता छोड़ देता है और शोर्ट कट अपनाकर सेवा के बजाय सिर्फ " मेवा ' के बल पर राजनीति ऊंचाइयां चढना चाहता है। यूँ कहने को अमर सिंह ने अपना जन मोर्चा बनाकर कुछ सभा-सम्मलेन किये हैं मगर उनकी सोच वही पुराणी वाली ही है। राजनीति में अब उनकी हैसियत बस इतनी ही बची है की कांग्रेस की चमचागीरी करते रहें, उसे फायदा पहुंचाने के षड्यंत्र रचते रहें और उसके बदले अपने अस्तित्व को बचाए रखें। बाकी अरह -सहा आइना तो उन्हें अदालत दिखा ही चुकी है।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रस्टाचार निवारक समिति का राष्ट्रीय महा सम्मेलन
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सभी साथियों को सहर्ष सूचित किया जाता है की आपके शहर जेवर स्थित एस डी एम् सभागार में दिनांक १८ / ०९/ २०११ को सुबह १० बजे से लेकर ३ बजे तक भ्रस्टाचार निवारक समिति का राष्ट्रीय सम्मलेन आयोजित किया गया है । इस सम्मलेन में मुख्य रूप से .............................................................................................
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उपस्थित रहेंगे । भ्रष्टाचार निवारक समिति का मानना है की
भ्रष्टाचार ऐसी महा खतरनाक बीमारी है जिसके कारण रिश्वत लेने और देने वाले दोनों की आत्मा मर जाती है. रोजाना करोड़ों लोगों का हक़ रिश्वतखोर बाबू , अफसर , नेता और मंत्री डकार जाते हैं. भ्रस्टाचार के कारण देश में करोड़ों लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं. न रिश्वत दें और न लें, ऐसा करना सभ्य समाज के नाम पर कलंक है.अतः
* इस सम्मलेन में इस बात पर भी विशेष रूप से चर्चा की जायेगी की समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा प्रस्तावित जन लोकपाल बिल को पारित कराने के लिए सरकार और राजनीतिक पार्टियों पर किस तरह से दवाब बनाया जाए
* जन लोकपाल बिल में अनुसूचित जाति / जन जाति, पिछड़े वर्गों तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों जैसे मुस्लिम, बौद्ध, जैन , सिख आदि का विशेष ख़याल कैसे रखा जाए तथा इन समाज के लोगों के लिए विशेष रूप से कितना आरक्षण होना चाहिए , इस पर खास चर्चा।
* न लोकपाल बिल में अनुसूचित जाति / जन जाति, पिछड़े वर्गों तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों जैसे मुस्लिम, बौद्ध, जैन , सिख आदि को भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए , इसके लिए देश भर में माहोल तैयार करना ।
* समाज सेवी अन्ना हजारे की टीम में भ्रस्टाचार निवारक समिति के किसी सदस्य का भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए , इस पर व्यापक चर्चा ।
उम्मीद है आप सभी इस पुनीत अवसर पर अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज करायेंगे ॥
निवेदक --
संपर्क-