अन्ना हजारे सच्चे क्रांतिवीर हैं. देश के करोड़ों लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ गुस्सा है. इसी गुस्से का प्रतिनिधित्व अन्ना हजारे कर रहे हैं. यह भ्रस्टाचार ही देश का सबसे बड़ा दुश्मन है. यह विकास के रास्तों को रोकता है, असमानता फैलाता है. और नक्सलवाद जैसी समस्याओं के मूल में भी भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा हाथ है. यहाँ दो तरह का भारत बनता दिख रहा है. एक गरीबों का भारत और एक अमीरों का भारत. जो अमीर है वो बहुत बड़ा अमीर है, वह और भी ज्यादा अमीर होता जा रहा है और जो गरीब है वह इतना ज्यादा गरीब होता जा रहा है की दिन रात खून जलाने के बाद भी वह भरपेट भोजन नहीं खा सकता. अपने परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता. दूसरी तस्बीर जो ज्यादा अमीर की उभरती है उनमे ज्यादा लोग ऐसे हैं जो सत्ता का सुख भोग चुके हैं या फिर भोग रहे हैं . उनमे वे नौकरशाह भी हैं जिन्होंने कभी कोई जायज काम भी बिना रिश्वत के नहीं किया. उस तरह के लोगों ने इस देश से गद्दारी करके तमाम दौलत विदेशों के बैंकों में जमा करवा रखी है. जिससे वे छोटे-छोटे देशों की अर्थव्यवस्था भी मजूत है और वे धन्ना सेठ बने हुए हैं, जबकि हम यहाँ भूखे हैं, नंगे हैं, बीमार हैं और यहाँ ताकि कर्जदार है. जब एक आदमी देखता है की भ्रष्ट आदमी बिना मेहनत किये भी करोड़ों -अरबों में खेल रहा है और सज्जन श्रमशील लोग टुकड़े-टुकड़े को मोहताज हैं तो उसके मन में विद्रोह की भावना ढउभरने लगती है. उसका व्यवस्था से भरोसा उठ जाता है . और अंततः वह असमानता की दीवार किसी गलत रास्ते पर चल निकलती है. आज देश के हालात ऐसे हैं की आप किसी भी राज्य के सरकारी दफ्तर में चले जाइए , वहाँ पर आपका जायज काम भी बिना रिश्वत दिए नहीं हो सकता . यह गारंटी है. इस सबकी जिम्मेदाआर कांग्रेस पार्टी है, इस देश पर सबसे ज्यादा शासन इसी पार्टी ने किया है और इसीके कार्यकाल में भ्रष्टाचार को जन्मसिद्ध अधिकार बना दिया गया. उसके बाद आयी किसी भी सरकार ने भ्रष्टाचार को कभी गंभीरता से नहीं लिया. चोर-चोर मौसेरे भाई . कौन मुफ्त की कमाई से मुंह मोड. जिस आआम इंसान ने और जब भी इस रिश्वतखोरी के खिलाफ आवाज उठाई उसे तरह- तरह से प्रताडित किया जाता है. उस पर झूठे मुक़दमे चलाये जाते हैं. उसे अपराधियों द्वारा निपटा दिया जाता है. कुल मिलाकर हालात ऐसे हो जाते हैं की आम इंसान को अपने कानूनी काम करवाने के लिए भी रिश्वत देनी ही पड़ती है. तो ये जो दर्द है यह एक दिन का नहीं है. आम इंसान के इस दर्द ने अब ज्वालामुखी का रूप धारण कर लिया है. अन्नाहजारे जैसे क्रांतिवीर इस आंदोलन का सही नेतृत्व कर रहे हैं. इसलिए सभी पार्टीगत बातों को भुलाकर अन्ना हजारे का साथ देना चाहिए. क्योंकि अंततः जीत अन्ना हजारे की ही होगी और तानाशाह सरकार को झुकना ही होगा. क्योंकि अन्ना हजारे अब सिर्फ नाम नहीं बल्कि मिशन का रूप द्धारण कर चुका है . वैसे भी,
अन्ना कौन है ?
अन्ना तुम हो
अन्ना हम हैं.
जब सब अन्ना हैं,
तो हमको हराएगा कौन ?
दिन रात श्रम हम करें
खून-पसीना हम बहाएं
और दलाल लोग अरबों रुपये
विदेशों में जमा कराएं .
एक आदमी भूख से बेहाल है
दूसरा भ्रष्ट बिना करे भी मालामाल है
ये कब तक चलेगा ?
सोई हुई संवेदनाओं को जगाइए
अन्ना का समर्थन कर
दलालों की सरकार हटाइये .
आज अगर हम नहीं जागे
तो हमें कभी नहीं जागने दिया जाएगा
क्योंकि अन्ना जैसे क्रान्ति पुरुष
युगों के बाद जनमते हैं
अन्ना तुम हो
अन्ना हम हैं.
जब सब अन्ना हैं,
तो हमको हराएगा कौन ?
दिन रात श्रम हम करें
खून-पसीना हम बहाएं
और दलाल लोग अरबों रुपये
विदेशों में जमा कराएं .
एक आदमी भूख से बेहाल है
दूसरा भ्रष्ट बिना करे भी मालामाल है
ये कब तक चलेगा ?
सोई हुई संवेदनाओं को जगाइए
अन्ना का समर्थन कर
दलालों की सरकार हटाइये .
आज अगर हम नहीं जागे
तो हमें कभी नहीं जागने दिया जाएगा
क्योंकि अन्ना जैसे क्रान्ति पुरुष
युगों के बाद जनमते हैं
No comments:
Post a Comment