Monday, May 17, 2010

प्यार , इस लफ्ज में सबसे ज्यादा महक है , सबसे ज्यादा पाकीजगी है . लेकिन आज के दौर में दोस्ती और प्यार को महज एक व्यापार की शक्ल दे दी गईं है. कुछ शातिर दिमाग लोगों ने मोहब्बत की आड़ में झूठ और फरेब के धंधे शुरू कर दिए हैं. टीवी और अखबारों में बाकायदा दोस्ती , मनोरंजन, मोहब्बत आदि के इश्तिहार दिए जाते हैं. इनके झांसे में आकर लोग प्रेम तलाशने लगते हैं . उन्हें प्रेमिका तो नहीं मिलती , हाँ झांसा जरूर मिल जाता है . इस झांसे में आकर लोग रोजाना लाखों रुपये बर्बाद कर रहे हैं. फ्रेंडशिप क्लब के नाम पर दगाबाजी की जो दुकानें चल रही हैं, उनका सालाना मुनाफ़ा करोड़ों में होता है . इस रैकेट में बहुत शातिर लोग शामिल होते हैं . इनका फनासे का तरीका बेहद चालाकी भरा होता है . यही वजह है कि बहुत से युवा इनके शिकार हो जाते हैं और फिर झिझक की वजह से ये लोग अपनी व्यथा किसी से कह भी नहीं पाते, जो लोग शिकायत करने का साहस जुटाते हैं , उनका दर्द पुलिसवाले सुनने को तैयार नहीं होते , जिस कारण फर्जी प्यार की दूकान चलाने वालों का धंधा बदस्तूर चलता रहता है. ये पप्यार के व्यापारी उत्तर प्रदेश, बिहार , छत्तीसगढ़ , आदि दूर दराज के क्षेत्र में बैठे होते हैं. ये नॉएडा , दिल्ली, पुणे आदि में बैठकर भी अपना धंधा ओपरेट करते हैं. इनकी कार्यप्रणाली ऐसी होती है कि पकडे जाने की गुंजाइश बहुत कम होती हैं. पहले ये किसी सुरक्षित स्थान को चुनकर अपना कार्यालय बनाते हैं, फिर किसी बड़े क्र्पोरेट बेंक जैसे आई सी आई सी आई , एच डी एफ सी आदि बेंक में किसी फर्जी नाम से खाता खुलवा लेते हैं. इसके बाद ये देश भर के अखबारों में आकर्षक विज्ञापन देते हैं. इसमें प्यार करनी की गारंटी दी जाती है.प्रेम के साथ -साथ दौलत कमाने का लालच भी दिया जाता है. लोग इनके झांसे में आकर इन्हें फोन करते हैं , तो ये उनसे अपने बेंक में रुपये जमा कराने को कहते हैं . रुपये जमा करने के बाद प्रेम का व्यापार करने वाले अपनी चालाकी दिखानी शुरू कर देते हैं. न खुदा ही मिलता और ना विसाले सनम. यानि कि फिर उन्हें न तो प्रेम मिलता है और ना ही पैसे. प्यार के व्यापारी इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर अपने सुरक्षित स्थान से आसानी से रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं और अगर किसी ने खुदा ना खास्ता शिकायत दज करवा भी दी और उस पर अमल भी हो गया तो क्या फर्क पड़ता है ? इनका बेंक अकाउंट भी फर्जी नाम से होता है . प्यार बेचने वाले ये लोग बहुत सेफ धंधा करते हैं. ये लोगों की नब्ज पकड़ गए हैं , इन्हें मालूम है कि भारत में ऐसे लोग बहुत कम मिलेंगे जो सेक्स के साथ दौलत का ऑफर ठुकरा सकें , तभी तो विज्ञापन में कहा जाता है कि विदेशी महिलाओं से दोस्ती करिये , उनकी बॉडी मसाज करिये और प्रति रात हजारों कमाइए . यानि कि मौज मस्ती के साथ-साथ













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