Tuesday, June 15, 2010

ओनर किलिंग ;
सम्मान की खातिर अपनों की हत्या
झूठी इज्जत की खातिर ह्त्या करना कोई नई बात नहीं है . पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. अब नया मामला दिल्ली का है . यहाँ के गोकुलपुरी इलाके में रहने वाली आशा और योगेश का कसूर सिर्फ इतना था कि वे दोनों एक दुसरे को बेपनाह मोहब्बत करने लगे थे और एक साथ जीवन गुजारना चाहते थे , लेकिन लड़की के घरवाले इसको अपनी शान के खिलाफ समझते थे. उनको लगता था कि इससे समाज में उनकी नाक कट जायेगी , इसलिए कथित तौर पर लड़की के परिजनों ने मिलकर आशा और योगेश की ह्त्या कर दी. ह्त्या के बाद जब लड़की के ताऊ से बात की गयी तो उसने कहा कि उसे अपने किये पर कोई पछतावा नहीं है. आशा और योगेश की ह्त्या भी इतने खतरनाक तरीके से की गयी जिसे सुनकर पत्थर से पत्थर दिल भी पिघल जाए. आशा को प्लान के मुताबिक़ पहले उसके ताऊ के घर यानि स्वरूप नगर स्थित इन्द्रप्रस्थ कालोनी भेज दिया गया. इसके बाद साजिस रचकर वहाँ पर योगेश को बुलवाया गया. जब वह पंहुचा तो आशा के ताऊ ओमप्रकाश ने परिवारवालों से मिलकर उन दोनों को बाँध दिया. इसके बाद वे सब राक्षस बन गए. मानवता न अजाने कहाँ गम हो गयी. सबने मिलकर दो प्यार करने वालों को लाठी डंडों से खूब मारा और फिर इसके बाद उन्हें बिजली के झटके दिए गए.अगर कुछ समय के लिए यह मान भी लिया जाए कि गुस्से में आकर उन्होंने किसी से प्रहार कर दिया और अनजाने में किसीकी ह्त्या हो गयी तो बात अलग है . मगर जान बूझकर मारने के लिए ही मारना और फिर मारने के बाद यह कहना कि उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है, घटना को बेहद गंभीर बना देता है. ऐसे मामलों में अक्सर यह देखा गया है कि कुछ महीनों बाद जमानत हो जाति है और सालों केस चलता रहता है . जिससे लोगों को लगता है कि चाहे जो करो, कुछ होने वाला नहीं है . इसीका फायदा उठाकर कुछ लोग ऐसी हत्याकांडों को अंजाम देते रहते हैं. अगर ऐसे मामलों में जल्द सजा मिले और कठोर सजा मिले तब जाकर लोग ऐसे कांड करने से डरेंगे. इसलिए सरकार को ओनर किलिंग मामले फास्ट ट्रेक कोर्ट को सौंपने चाहिए ताकि जल्द फैसला आये और जल्द सजा मिल सके. इसके अलावा कुछ ऐसा क़ानून भी बनाया जा सकता है जो बालिग़ लड़के -लड़कियों को प्रेम करने या अपने मर्जी से जीवन साथी चुनने का अधिकार देता होऔर उनके अधिकारों की रक्षा करता हो. अक्सर देखने में ये आया है कि जब प्रेमी -प्रेमिका के बीच में उनके घरवाले आते हैं तो पुलिसवाले उनके घरवालों का ही साथ देते हैं . इस कारण प्यार करने वालों को पहली स्टेज से ही जुल्म का शिकार होना पड़ता है . इसीका फायदा प्यार के दुश्मन उठाते हैं. यही वजह है कि ओनर किलिंग की घटनाओं में बढोतरी होती रहती है. क्योंकि उनके हौंसले बढते रहते हैं. अगर प्रेमी -प्रेमिकाओं को कहीं से थोड़ी बहुत राहत मिलती है तो वो है कोर्ट. मगर तब तक देर हो चुकी होती है. प्यार एक स्वभाविक और प्राकृतिक जरूरत है . सदियों से लोग प्यार करते आये हैं और जब तक दुनिया रहेगी तब तक प्रेम का अस्तित्व रहेगा .इसलिए बेहतर यही होगा कि सच्चे प्यार करने वालों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार प्रभावी कदम उठाये , इस समस्या से जितना मुंह मोड़ा जाएगा यह उतनी ही बढ़ेगी, यह तय है .समाज के समझदार लोगों को भी आगे आकर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए. सामाजिक संगठनों को भी आगे आना होगा , सब मिलकर इस समस्या का समाधान खोजेंगे तभी ओनर किलिंग की बीमारी को काबू में किया जा सकता है.

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