Friday, June 18, 2010

ग्रुप सेक्स और पुरुष वैश्या के बढते मामले
इस रात की सुबह कब होगी ?
रोजाना ऐसी घटनाएं सुनने -देखने को मिल रही हैं, जिनसे ऐसा लगता है जैसे अब प्रकृति के बनाए नियमों सेखिलवाड करना ही कुछ इंसानों के शगल बन गया है. दिल्ली में अलग-अलग दो ऐसे मामले सामने आये जिन्होंनेदिलो-दिमाग को झकझोर कर रख दिया. एक मामला प्रसिद्द बिजनसमैन कुलदीपक अरोड़ा से जुड़ा है. अरोड़ा काएक्सपोर्ट का बड़ा व्यापार है. वह पढ़ा-लिखा व्यक्ति है . परसों अरोड़ा को इंदिरा गांधी एअरपोर्ट से गिरफ्तार करलिया गया. उनके खिलाफ उन्हींकी पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अरोड़ा उससे जबरदस्ती ग्रुप सेक्स करवाताथा. जब वह मना करती तो उसे धमकाया जाता था. यह घृणित कार्य पिछले चार वर्षों से कराया जा रहा था. अरोड़ाके खिलाफ दर्ज कराई गयी शिकायत के मुताबिक़ अरोड़ा, उसके भाई और बिजनेस पार्टनर्स के साथ उसे ग्रुप सेक्सकरने के लिए मजबूर किया जाता था. अब यह अप्राकृतिक सेक्स का कार्य चार सालों तक अरोड़ा की पत्नी कीसहमति से चला या उसे वाकई मजबूर किया गया, ययह तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा मगर ये तय हो चुकाहै कि इतने वर्षों तक उन्होंने अप्राकृतिक कुकर्म किया .दूसरा मामला दिल्ली के ही बड़े व्यवसाई अनिल नंदा सेजुडा है. अनिल नंदा जाना पहचाना नाम है. वो अमिताभ बच्चन और राजकपूर परिवार से भी जुड़ा है तथा एक्मेनामक कंपनी का मालिक भी है. उसका सालाना टार्न ओवर करोड़ों नहीं, अरबों में है. इस अनिल नंदा पर अपनेड्राइवर जनेश्वर मिश्रा को ज़िंदा जलने का आरोप है. अपनी मौत से पूर्व मिश्रा ने नंदा पर जो गंभीर आरोप लगाए हैंवे किसी को भी सोचने पर मजबूर कर देते हैं. मिश्रा का कहना है कि नंदा पुरुष वैश्या है , वह रोजाना नए -नएलड़कों को अपनी कोठी में बुलवाता है और फिर उनके साथ सम्लेंगिक सम्बन्ध बनाता है . जब कोई इसअप्राकृतिक कार्य को करने से मना कर देता है तो उसके साथ मारपीट की जाटे है, उसे धमकाया जाता है. खुद मिश्राने अपने मौत से पूर्व बयान में बताया कि जब उसने नंदा के इन कुकर्मों का विरोध किया तो उसे जान से मारने कीधमकी दी गयी. इतना ही नहीं, उसने पहले ही अपनी ह्त्या की आशंका जाहिर की थी और फिर आखिरकार वहीहुआ भी. उस पर पेट्रोल छिडककर आग लगा दी गयी.

जनेश्वर शर्मा ने बताया कि कोठी में काम करने वाले 99 फीसदी मर्दों का यौन शोषण होता है। नंदा पैसा देकर लड़के मंगवाता है।

जनेश्वर को दिल्ली की काली कोठी में 9 जून को आग लगा दी गई थी, लेकिन उससे दस दिन पहले- 29 मई 2010 को उसने एक चिट्ठी लिखी थी। उसने लिखा था-'मैं अनिल नंदा की 12C कोठी पर काम करता हूं। यहां पर बहुत अभद्र और गंदा काम किया जाता है, जिसका मुख्य आदमी अनिल नंदा है। मैंने कई बार सही बात बोली तो मुझे धमकाया जा रहा है। मेरा शोषण किया जा रहा है। अगर भविष्य में मुझे कुछ होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी अनिल नंदा और उसके आदमियों पर होगी'। जनेश्वर को इस चिट्ठी लिखने के दस दिन बाद पेट्रोल छिड़ककर अनिल नंदा की कोठी के भीतर ही आग लगा दी गई। और हफ्ते भर अस्पताल में जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया।

इन दोनों घटनाओं का अगर विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि दोनों ही मामलों में आरोपी करोड़ों -अरबोपति हैं. इस तरह के मामले दिन प्रतिदिन बढते जा रहे हैं. और इनको अंजाम देने वाले लोग भी अच्छे -पढ़े -लिखे , धनाढ्य और ऊंचे रसूख रखने वाले परिपक्व लोग हैं. यानि जानबूझकर वे प्रकृति के बनाये नियमों से खिलवाड कर रहे हैं. अब तो मुंबई , दिल्ली आदि शहरों में ग्रुप सेक्स , और अप्राकृतिक सेक्स की सुविधा देने वाले क्लब भी बन चुके हैं. ऐसे मामले उजागर होने पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए , वरना यह ऐसी भयानक काली रात है , जिसकी फिर कभी सुबह नहीं होगी .








1 comment:

Dhirendra Giri said...

apke vichar wakai me parbhavshali hai ...aise hi ho vicharo ka manch

aqpko badhai..........www.goswamijournalist.blogspot.com ब्लॉग पढ़े और अपनी बहुमूल्य टिप्पणिया पोस्ट करे