Monday, June 21, 2010

जातिवाद की आग में धधकती मोहब्बत

ओनर किलिंग के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट को सुध आई है . सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में ९ राज्यों को नोटिस जारी किये गए हैं. हरियाणा और दिल्ली में कल दो अलग-अलग स्थानों पर चार प्रेमी-प्रेमिकाओं को मौत के घाट उतार दिया गया. इन चारों का गुनाह इतना ही था कि इन्होने जाति , गोत्र आदि की सीमाओं को लांघकर एक दूसरे से प्रेम किया था और साथ-साथ जिंदगी बिता रहे थे .दिल्ली के अशोक विहार के ब्लॉक नंबर आई में रहने वाले एक दंपती की हत्या कर दी गई। महिला की लाश फ्लैट नंबर १/१६७ से मिली है। जबकि उसके पति की लाश बाहर खड़ी कार के पास से पुलिस ने बरामद की। दोनों गुड़गांव की एक कंपनी में काम करते थे।
2006 में राजपूत जाति के कुलदीप सिंह ने गूजर समुदाय की मोनिका से प्रेम विवाह किया था। दोनों ने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। तभी से दोनों पक्षों में तनातनी चल रही थी। इसका अंत उन दोनों के अंत के साथ हुआ. मोनिका की गूजर जाति के लोगों को यह बात नागवार गुजरती थी कि राजपूत समाज का लड़का उनका दामाद बने. ये बात अलग है कि कुलदीप और मोनिका एक दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करते थे और दोनों शादी के बंधन में बंधकर अलग रह रहे थे. मगर मोहब्बत के दुशमनों को यह बात भी रास नहीं आई. उन्हें यह गवारा नहीं था कि वे दोनों एक साथ रहें. इसलिए उन दोनों की बेरहमी से ह्त्या कर दी गयी.
ऑनर किलिंग के लिए कुख्यात हरियाणा में एक और प्रेमी जोड़े की जान ले ली गई। जिले के नीमड़ीवाली गांव में एक छात्रा और उसके हम उम्र युवक की लाशें एक मकान में शहतीर पर लटकी मिलीं। जान गंवाने वाली इंटर की छात्रा मोनिका बोहरा (18) नीमड़ीवाली के दलवीर सिंह की बेटी थी जबकि युवक प्रदीप (19) मानहेरू गांव के जयभगवान का बेटा था। प्रदीप नीमड़ीवाली में अपने मामा के साथ दूध का काम करता था।इन दोनों का प्रेम उनके घरवालों को रास नहीं आरहा था. इसी कारण दोनों को पहले समझाया गया, और जब वे अलग नहीं हुए तो उन्हें हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया गया. इस तरह एक ही दिन में दो अलग-अलग राज्यों में चार प्रेमी जोड़ों की ह्त्या कर दी गयी. सुप्रीम कोर्ट ने ओनर किलिंग की बढ़ती घटनाओं के सन्दर्भ में ९ राज्यों को नोटिस भेजे हैं, मगर सरकारें खामोश हैं. राज्य सरकार इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समस्या को हल करने की बजाय उसे और बढ़ावा दे रहे हैं. राहुल गांधी और सोनिया गांधी की नाराजगी के बावजूद हुड्डा इस समस्या के समाधान के लिए चिंतित/प्रयासरत दिखाई नहीं देते. अगर धायं से देखा जाए तो इस समस्या की जड़ में जातिवाद का जहर भरा हुआ है. खुद की जाति को श्रेष्ट समझना और सामने वाले की जातो निम्न समझना ही मूल विवाद की जड़ है. दिल्ली , राजस्थान , हरियाणा , उत्तर प्रदेश की सरकारों को महाराष्ट्र सरकार से सबक सीखना चाहिए . महाराष्ट्र की सरकार की तरफ से अंतरजातीय विवाह करने वालों को ५० हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. यानि कि अगर अगर कोई लड़का या लड़की अपने से दुसरी जाति के लड़का या लड़की से विवाह करते हैं तो तो सरकार उन्हें ५० हजार रुपये का इनाम देती है. इस कारण वहां पर ओनर किलिंग जैसी घटनाएं न के समान होती हैं , या तो होती ही नहीं हैं. इसी तरह अगर दूसरे राज्य की सरकारें भी अंतरजातीय /अंतरधर्मीय विवाहों को प्रोत्साहन दे, और जो लोग परें करने वालों को परेशान करते हैं उन्हें सख्त दंड दें तो समस्या का समाधान हो सकता है.लेकिन वहां पर उलटा ही होता है . वहाँ सरकार दो अलग- अलग जाति में प्यार या शादी करने वालों को पुरस्कृत करने के बजाय दण्डित करती है. पुलिस कभी भी लड़के -लड़की को सपोर्ट नहीं करती .क्योंकि उन्हें लड़का -लड़की की तरफ से रिश्वत नहीं मिलती , उनके घरवाले उन्हें मनचाही रिश्वत दे देते हैं. इस कारण वे उनका पक्ष लेते हैं. देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का बाद उन राज्यों की सरकार कितनी सजग होती हैं ? पता नहीं कब तक बेगुनाह प्यार करने वालों को मौत के घाट उतारा जाएगा ?





2 comments:

Dhirendra Giri said...

आपका लेख बेहद शानदार है इसके लिए आपको बधाई .....मेरा लिया इंटरव्यू आपको पसंद आया इसके लिए धन्यवाद् ...अपने मुझे अपने अख़बार के लिए अच्छे इंटरव्यू का आमंत्रण भेजा है है इसके लिए भी आपका शुक्रियादा करता हु ...मै अवश्य कोई इंटरव्यू या लेख आपतक पहुचने प्रयास करूँगा ...यू ही टिपण्णी भेजते रहिये .........शुक्रिया

vicharmanch said...

thanks